कवितानज़्मगजलदोहाछंदचौपाईगीत
नमन मंच साहित्य अर्पण
दिनांक १०/०१/२०२४
विधा गीत
दुख की बदली छंँटेगी एक दिन ,
सुखकी आंँधी आएगी ।
रहेंगे दुःख के दिन न हमेशा ,
फिर खुशियांँ घर आएंँगी ।।
जो खुशियां हम छोड़ के आए ,
कीमत ना थी जानी ।
वो पल हमको बहुत सताएंँ ,
कैसी थी जिंदगानी ॥
जो अपना था वो मिल जाए,
कलियांँ फिर खिल जाएंगी ।
रहेंगे दुःख के दिन ना हमेशा .....
वो अपने बच्चे मिल जाए,
चहिए नहीं खजाना रे ।
सच्चा सुख परिवार हमारा ,
ये तो हमने जाना रे ।।
अर्धांगिनी तोरे बिन जीवन ,
नैया ना चल पायेगी।
रहेंगे दुख के दिन ना हमेशा,
फिर खुशियां घर आएंगी ।
दुख की बदली छंँटेगी एक दिन ।
सुख की आंधी आएगी ।
रहेंगे दुख के दिन वा हमेशा ,
फिर खुशियाँ घर आएंगी ।।