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उसकी बनाई तस्वीर अलग है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

उसकी बनाई तस्वीर अलग है

  • 32
  • 1 Min Read

येह जे बाहर दिखाई देता है..... स्थूल शरीर अलग है
जी लिखी है इस तनके भीतर.....वो तहरीर अलग है

तू ना कलमकार है "बशर"..... न तू तहरीर-निगार है
रचनाकार अलग है.....उसकी बनाई तस्वीर अलग है

© dr.n.r.kaswan "bashar" Surrey/09/01/2024

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