Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
सहन वीरान हो गया - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

सहन वीरान हो गया

  • 41
  • 1 Min Read

येघर, घर ना रहा सहन वीरान हो गया
मकीं मकान का जबसे शैतान हो गया

आदमियत इन्सानियत तहज़ीब अदब
इख़्लास भूल कर बशर हैवान हो गया

© dr. n. r. kaswan "bashar"

logo.jpeg
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg