Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जोरो-जुर्म राख हो जाएं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जोरो-जुर्म राख हो जाएं

  • 91
  • 1 Min Read

रंज-ओ-मलाल तमाम जलकर खाक हो जाएं
लोहड़ी के त्योहार पर रिश्ते सारे पाक हो जाएं
चिंता द्वेष क्लेश रहे नहीं लेशमात्र भी अवशेष
लोहड़ी की ज्वाला से जोरो-जुर्म राख हो जाएं

© dr. n. r. kaswan "bashar"

logo.jpeg
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg