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कवितानज़्म
फलसफा ए हयात कहानियों में ख़ुशगवार नज़र आता है हकीक़त की जिंदगी में तो कलेजा मुँह को मग़र आता है फूल कहीं भी कोई बिछा कर नहीं रखता डगर पर बशर सफ़र -ए -हयात में कांटों से भरा मग़र रहगुज़र आता है ©️"बशर"