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"सफलता के शिखर" - Salman Surya (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

"सफलता के शिखर"

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शीर्षक :- "सफलता के शिखर" (प्रेरणादायक कविता)

हे इन्सान तू रुक मत कभी।
हे इन्सान तू हार मत कभी।
तुझे सफलता के शिखर तक पहुँचना है अभी,
तुझे परिश्रम करना है अति।
धैर्य रख हिम्मत से काम ले,
क्योंकि सफलता की सीढ़ी चढ़ना अभी।
हे इन्सान तू रुक मत कभी।
हे इन्सान तू हार मत कभी।
समय का एक-एक क्षण है अनमोल तेरे लिए,
समय कमान से निकले तीर की तरह कभी वापस न आता।
समय की कीमत को जो पहचान लेता,
मंज़िल तक वही है, पहुँच पाता।
हे इन्सान तू रुक मत कभी।
हे इन्सान तू हार मत कभी।
मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ता रहा कर।
सदा प्रयास करता रहा कर,
भयभीत न हो, निराश न हो जीवन में कभी,
बस ! सत्य के पथ पर सदा चलता रहा कर।
हे इन्सान तू रुक मत कभी।
हे इन्सान तू हार मत कभी।

- कवि सलमान सूर्य
अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
संपर्क - 6395506982

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