Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
वफ़ा का पता नहीं जफ़ा किसी से नहीं नाराज़ है जहन मग़र ख़फा किसीसे नहीं किरदार उलझ कर रह गए हैं कहानी में सवाली का फ़लसफ़ा वफ़ा किसीसे नहीं ©डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर" सरी/०५/०१/२०२४