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बिन मौसम की बरसात.... - Priyanka Dheeman (Sahitya Arpan)

कहानीसस्पेंस और थ्रिलर

बिन मौसम की बरसात....

  • 80
  • 15 Min Read

एक कहानी ऐसी भी....

ना इश्क हुआ , ना इश्क की गुजारिश की.... ।

ना इश्क हुआ , ना इश्क की गुजारिश की.... ।

हम तो उस बरसात के हो गये....

जो ना बरस सके , और ना पैगाम भेज सके ।।


बरसात....

.कहते हैं बिन मौसम की बारिश एक पैगाम लाती है । दिल्ली आज काले घने बदलों की चादर से ढकी हुई बस बरसने का इंतजार कर रही थी ।

दो नौजवन लड़के आपस में बात करते हुए सड़क के किनारों से होते हुए चल रहे थे ।

हंसी मजाक के बीच सफऱ का पता ही नहीं चलता कि कब इतना लम्बा सफर मिंटो में तय कर लिया ।

'' आज तो ये बादल कुछ अजीब ही कह रहे हैं । पता नहीं क्या होने वाला है आज ? ''

राघव ने प्रीत से कहा ।

प्रीत - '' सही कहा । लेकिन ये कहना क्या चाहते हैं ? ''

राघव - '' पता नहीं । ''

इसी तरह से जब बात करते हुए दोनों दोस्त एक दुकान के अंदर जाने के लिए अपना कदम बढ़ाते हैं वैसे ही बादलों में जोर का धमाका होता है और बादल तेजी से बरस पड़ते हैं ।

तभी राघव और प्रीत को एक लड़की की तेज चीख सुनाई देती है ।

सामने ही एक स्कूटर की एक ट्रक से टक्कर हुई थी । सड़क पर खून ही खून था ।

राघव और प्रीत घबराई नजरों से एक दूसरे को देख रहे थे । वो दोनों ही भागे और स्कूटर के नीचे दबी लड़की को बाहर निकाल कर हॉस्पिटल के लिए चल पड़े ।

आधे घंटे बाद , सिटी हॉस्पिटल ।

'' क्या हुआ डॉक्टर वो लड़की ठीक तो है ना ? ''

प्रीत ने डॉक्टर से पूछा ।

डॉक्टर ने दुःखी भाव से कहा '' सॉरी हम उन्हें बचा नहीं पाए । उनके पास हमें ये आखिर खत मिला था । ''

डॉक्टर ने एक कागज प्रीत की तरफ बढ़ाया और प्रीत ने भी उसे ले लिया । डॉक्टर वहाँ से चले गये । डॉक्टर के जाते ही प्रीत ने राघव के इशारे पर उस खत को खोल कर पढना शुरु कर दिया ।

'' मैं अर्पणा । माफ़ करना रणवीर लेकिन हमारे प्रेम की मंजिले अलग अलग है । सफऱ एक पर मंजिल अलग हैं । इसलिए मैं तुमसे शादी नहीं करना चाहती हूँ । क्योंकि मेरे प्रेम का इंतजार कोई और कर रहा है । और मैं भी उसके बिना जी नहीं पाउंगी । ये बरसात भी आज कुछ अजीब संकेत कर रही है । मैं जा रही थी तुम्हें छोड़ कर । हो सके तो मुझे माफ़ कर देना । ''

प्रीत और राघव ने ये पढ़ा और एक दूसरे को देख कर हैरान हो गये ।

अगले दो दिन तक रणवीर को ढूंढा लेकिन उन्हें रणवीर का कहीं कोई अता पता नहीं चला ।

राघव और प्रीत दोनों एक घर के सामने खड़े थे । दोनों ने ही डोर बेल बजाई और गेट एक औरत ने खोला ।

राघव - '' काकी हम रणवीर के दोस्त हैं । क्या आप.... ? ''

वो अपनी बात पूरी कर पाते उससे पहले ही उस औरत ने कहा '' लेकिन रणवीर को परसों ही भगवान के पास जा चुका है । ''

जैसे ही ये बात उन दोनों ने सुनी तो दोनों हैरान हो गये । उनके पैरों तले जमीन खिसक गई । दोनों ही खामोश होकर सोचने लगे कि क्या ये बरसात ही उन्हें अलग करने की वजह थी ?

तभी उस औरत ने कहा '' और एक बात अगर तुम अर्पणा को जानते हो तो ये खत उसे दे देना । ''

प्रीत और राघव ने खत ले तो लिया लेकिन वो अब ये अर्पणा तक कैसे पहुंचाये यही उन्हें समझ नहीं आ रहा था ।

रास्ते से चलते हुए दोनों उस खत में लिखी बात पढ़ रहे थे ।

राघव - '' ये सब एक तरह से ठीक ही हुआ । भले ही दोनों की डेथ हुई हो लेकिन दोनों के मन में किसी तरह का कोई मेल नहीं था । मैं तो दुआ करूंगा कि भगवान उन दोनों की आत्मा को शांति दे । ''

उसने हाथ जोड़े और कहा । प्रीत ने भी यही कहा । और ये बिन मौसम की बरसात भी किसी के मौत की वजह बन गयी ।

......Priyanka Dheeman

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दादी की परी
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