Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
*दुश्मनी सस्ती हो गई है* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*दुश्मनी सस्ती हो गई है*

  • 90
  • 1 Min Read

*दुश्मनी सस्ती हो गई है*

दोस्ती मंहगी हुई ''बशर'' यहाँ दुश्मनी सस्ती हो गई है
हबीब की गली रिश्तों को डसने वाली बस्ती हो गई है

©️ डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" १४/१२/२०२३

logo.jpeg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg