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खामियाँ हर कहीं होती हैं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

खामियाँ हर कहीं होती हैं

  • 45
  • 2 Min Read

खामियाँ हर कहीं होती हैं
बदनामियां कहीं कहीं होती हैं !
मुश्क़िलात हर कहीं होती हैं
परेशानियाँ कहीं कहीं होती हैं !
नादानियां हर कहीं होती हैं
बदमाशियां कहीं कहीं होती हैं !
गलतियां हर कहीं होती हैं
चालाकियां कहीं कहीं होती हैं !
सौ गलतियोंपे एक भारीहो
ऐसे गलतियां कहींकहीं होती हैं!
©️ "बशर"

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