कवितानज़्म
खामियाँ हर कहीं होती हैं
बदनामियां कहीं कहीं होती हैं !
मुश्क़िलात हर कहीं होती हैं
परेशानियाँ कहीं कहीं होती हैं !
नादानियां हर कहीं होती हैं
बदमाशियां कहीं कहीं होती हैं !
गलतियां हर कहीं होती हैं
चालाकियां कहीं कहीं होती हैं !
सौ गलतियोंपे एक भारीहो
ऐसे गलतियां कहींकहीं होती हैं!
©️ "बशर"