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कवितानज़्म
मरने से फुरसत मिले तो जीकर देखें ग़ुरबत से फुर्क़त मिले तो जीकर देखें बसर होगई हिज्र ओ फ़िराक़ में बशर हबीब से कुरबत मिले तो जीकर देखें © Dr.N. R. Kaswan "bashar" /19/12/2023