Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
शीर्षक (भारतीय सेना) - SACHIN KUMAR SONKER (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

शीर्षक (भारतीय सेना)

  • 101
  • 5 Min Read

शीर्षक (भारतीय सेना)
मेरे अल्फ़ाज़ (सचिन कुमार सोनकर)
मिटाने से भी हस्ती हमारी मिटती नहीं,
समुंदर में भी कस्ती हमारी नही रूकती।
ना विश्वास हो तो इतिहास उठा कर देख लो।
जब-जब हमने हथियार उठाया है एक नया इतिहास बनाया है।
अपने वतन की रक्षा हम दिलो जान से करते है,
इसमें जान भी चली जाये तो ग़म नही करते है।
हम देश के लिये ही जीते है और देश के लिये ही मरते है।
देश भक्ति है कि हमारे दिल से जाती नहीं,
हमको देश भक्ति के सिवा कुछ आती नहीं।
जिस मिटटी में जन्म लिया है उसका कर्ज चुकायेगे।
हम भारत के वीर है पीठ नही दिखायेगे।
तपती गर्मी में भी खड़े है देश की रक्षा करने पर अड़े है।
आँधी आये तूफान आये या फिर हो बरसात,
देश की रक्षा पहले है बाकी सब देश के बाद।
इसी मिटटी में अपने दुश्मन को दफ़न करके जायेगे।
नापाक इरादा रखने वालो को अच्छा सबक दिखाएंगे है,
क़ब्र उनकी हम यही बनायेगे।
हम अपने धरती माँ के माथे पर उनके खून से तिलक लगाएंगे।
आँधी और तूफानों का रूख मोड़ देगे,
दुश्मन ने जो हमारी धरती की तरफ़ देखा उसकी आँखे फोड़ देगे।

str2_1703050803.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg