Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मतपूछ हमसे कैसे हमने हयात गुजारी हो - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

मतपूछ हमसे कैसे हमने हयात गुजारी हो

  • 107
  • 2 Min Read

मत पूछ हम से कि कैसे हम ने सफ़र-ए-हयात गुजारी
हो गई सांझ लुटेरों की बस्ती में वहीं हमने रात गुजारी

जो गुजारी न जा सकी बशर हमने वो हयात गुजारी है
मुफलिसी में दिन गुज़रा मुश्क़िल में सारीरात गुजारी है

@"बशर"

logo.jpeg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg