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हयात में मिले हर फ़रेब से वाकिफ़ हूँ - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हयात में मिले हर फ़रेब से वाकिफ़ हूँ

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सफ़र-ए-हयात में मिले हर फ़रेब से वाकिफ़ हूँ मग़र
मौतसे मुझे तवक़्क़ो ऐसी कोई हरगिज़ नहीं है बशर

©️ डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"/१७/१२/२०२३

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