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तवज्जोह किया करो दिलके मकान की - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

तवज्जोह किया करो दिलके मकान की

  • 92
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तवज्जोह हरसूरत किया करो 'बशर' दिलके मकान की
घर के बग़ैर रखने को जगह ना रहेगी बाक़ी सामान की
©️ डॉ.एन.आर. कस्वाँ 'बशर' /१६/१२/२०२३

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