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दर्द की दर्द से शिफा किए बैठे हैं हम - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

दर्द की दर्द से शिफा किए बैठे हैं हम

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मत पूछ बशर कि दर्द ए दिल में कितने ज़ख़्म हरे लिए बैठे हैं हम
खुद ही तबीब बनकर अपने दर्द की दर्द से शिफा किए बैठे हैं हम
©️ डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"

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