Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
*रक़ीब काम आया* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*रक़ीब काम आया*

  • 48
  • 2 Min Read

*रक़ीब काम आया*

तावीज़-ए-पीर काम आया ना शिफ़ा-ए-तबीब काम आया
सुकून-ए-क़ल्ब के वास्ते बशर दीदार-ए-हबीब काम आया

क़रीब के अहबाब काम आए ना अपना नसीब काम आया
उम्रे-तमाम जिसको गैर समझते रहे वही रक़ीब काम आया

©️डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"/२९/११/२०२३

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg