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*पहलेसा हिंदुस्तां हो जाए* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*पहलेसा हिंदुस्तां हो जाए*

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*पहलेसा हिंदुस्तां हो जाए*

मौसम-ए-बहार आए कि गुलिस्ताँ फिर से गुलिस्ताँ हो जाए
ख़िज़ाँ चमन से जाए वतन हमारा पहलेसा हिंदुस्तां हो जाए

©️ डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर" ०४/१२/२०२३

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