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हिज्र-ए-यार - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हिज्र-ए-यार

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  • 1 Min Read

विसाल-ए-यार से शुरू
हिज्र-ए-यार पर ख़त्म !
येह जो प्यार है 'बशर'
कुछ नहीं सिवाय ग़म !

©️डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"/२७/११/२३

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