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बुलंदी पर बने रहना और बात है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बुलंदी पर बने रहना और बात है

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बुलंदी पर बने रहना और बात है

इज़्ज़त, आबरू इस्मत, शौहरत कमाना और बात बनाए रखना और बात है,
बलंदियों पर पहुंचना और बात मग़र बशर बुलंदी पर बने रहना और बात है!

डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"/२६/११/२०२३

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