Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
उसीकी नज़र-ए-नायत दिखाई नज़र आती है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

उसीकी नज़र-ए-नायत दिखाई नज़र आती है

  • 97
  • 1 Min Read

ये उसीकी नज़र-ए -नायत दिखाई नज़र आती है
चश्मे - नज़र को उसी की रौशनाई नज़र आती है
कैसे कह दें के हमने खुदा हमारा नहीं देखा बशर
चमक हरशय में अनवर-ए-इलाही नज़र आती है
©️डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg