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वो कुछ और पढते हैं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

वो कुछ और पढते हैं

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  • 1 Min Read

हम इस ओर लिखते हैं वोह उस ओर पढते हैं
हम कुछ और लिखते हैं वो कुछ और पढते हैं
लफ़्ज मुतअस्सिर उसी से मुताल्लिक़ उसी के
वो मग़र मुखातिब किसी गैर की ओर पढते हैं
©️डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"

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