कविताअतुकांत कविता
भूलना मत
मनिरुज्जामान प्रमउख
जो देना था दे दिया
तुम लेने नही आया।
जो बोलना था बोल दिया
तुम सुनना नही चाहा।
पेयर इछतारा होता नही, आलिया।
जब तुम्हारी उपलब्ध होगी
तब मैं बहत दूर जाचुकी होंगे।
घबराना नही,
मेरा पेयर तुम्हारी साथ छोड़ेगा नही,
में दूर होकर भी हार लम्हा तुम्हारी हूं,
याद रखना, याद रखना, याद रखना।
दुनिया बादल जायेगी, जाने दो।
रस्ता बादल जायेगी, जाने दो।
में बदलूंगा नही, कभी भी नही।
में तुम्हारी हूं हारदीन, हाररात।
बास केवल इतनाही कहना है
भूलना मत, भूलना मत, भूलना मत।।
(१२/०१/२०२३)