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समय - हर्षित अवस्थी मानस (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

समय

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कविता

समय पर ही पास तुम्हारे, सफलता की मंजिल
आएगी,
जम कर की मेहनत अभी तो दुनिया शीश
झुकाएगी

खाली बैठने से कुछ हासिल नहीं
समय का ध्यान नहीं जिसे वो किसी काबिल नहीं,

समय की कीमत को समझो,मत इसको बर्बाद करो
घर पर खाली मत बैठो हौसला रखकर कुछ काम करो

रखा हौसला किया फैसला,निश्चित ही समय बदलेगा,
तुम्हारी मेहनत का मान निश्चित ही,विधाता रखलेगा,

समय पर ही सफलता का सूरज मेहनत की दुनिया में निकलेगा।
समय पर ही माली फूल पेड़ से पाएगा,समय पर ही शशि अपनी रश्मि फैलाएगा।

जो कुछ मिलना है इंसान को समय पर ही पाएगा।
समय को इतना समय नहीं कि समय तुम्हे लौटाएगा

अनमोल समय है इसे न खोना, पथिक तुम्हें यह संबल देगा
समय को अगर समय दिया तो, समय तुम्हे ही संबल देगा

समय के अनुसार ही, मैंने कुछ पंक्ति लिखी
समय का उपयोग कर,समय अभिव्यक्ति लिखी

लेखिका-
प्रतिष्ठा (राशी)

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