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*यहाँ पर नहीं हूँ मैं* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*यहाँ पर नहीं हूँ मैं*

  • 69
  • 1 Min Read

*यहाँ पर नहीं हूँ मैं*
कूचेमें मेरे कोई आता जाता नहीं है
सब को लगता है वहाँ पर नहीं हूँ मैं
खुद ही खट खटा कर दरीचे अपने
कहने लगा हूँ कि यहाँ पर नहीं हूँ मैं

©️डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"

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