कवितालयबद्ध कविता
इतराना इठलाना
छुपकर मेघों में सताना
सब तेरा स्वभाव है माना
पर ओ रे चंदा
आज ना इतना इतराना
आज तनिक जल्दी से आना
देख ना चलेगा कोई बहाना
ना मेघों पे दोष लगाना
वरना देख तुझे ही
मिलेगा उलाहना
आज तनिक जल्दी से आना
आज ना इतना इतराना
आज तनिक जल्दी से आना
©राजीव त्यागी
सभी सन्नारियों को स्नेह श्रद्धा पूर्वक
#करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत बहुत बधाई ❤️❤️🙏🏽🙏🏽
#कविताईकुनबा