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कवितानज़्म
*तोलने की ज़रूरत क्या है* आंखें बोलती है लब खोलने की ज़रूरत क्या है चेहरे पर सब लिखा है बोलने की ज़रूरत क्या है किरदार से जब होता है वजन ज़ाहिर तिरा बशर तो ज़िस्म को तराजू में तोलने की ज़रूरत क्या है डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर" ३१/१०/२०२३