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याद करे - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

याद करे

  • 33
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इतनी फ़राग़त किसे मयस्सर है 'बशर' गुजरे जमाने याद करे
फ़ुर्सत हो तो बशर कोई बशर को बाद गुज़र जाने के याद करे
©️"बशर"/७/११/२३

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