Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
*एक नदी दो तीर* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*एक नदी दो तीर*

  • 92
  • 1 Min Read

*एक नदी दो तीर*
सबके लिए समान बशर एक नदी दो तीर
तैरन जाने ते नर तर गए राजा रंक फ़कीर
©"बशर"/२०२३/११/०३

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg