कविताभजनगजलदोहाछंदचौपाई
परिवार
परिवार है अनमोल तोहफा कद्र करनी चाहिए।
आए जब मुश्किल किसी पर फिक्र करनी चाहिए।
अपने तो अपने होते हैं गैरों से अच्छे हैं सदा ।
गलतियां इन्सान से गर ना हो तो इ-सान क्या ।।
फिर भी अगर कोई भूल हो उन्हे माफ करना चाहिए ।
थी कदर न जिनकी अच्छे वक्त पर हमको कभी ।
बिछड़ जाने पर पता चलती है कीमत अपनों की ।।
आते हैं वो ही काम उनका शुक्र करना चाहिए ।
जब कभी विपदा है आती रहते वो हरदम खड़े ।
उन फिकर मंदो की तो कीमत समझनी चाहिए ।
जो है जैसा भी उसे स्वीकार करना सीखिए ।
रज्जन कहें जब साथ हों सम्मान करना चाहिए ।।।
परिवार है अनमोल तोहफा.........