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कवितानज़्म
*वज़न इल्म का उठा सकते हैं नहीं* राब्ते क़ल्ब के कुछ नाज़ुक मिज़ाज हैं इस क़दर वज़न इल्म का जियादा उठा सकते हैं नहीं बशर डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर" २५/१०/२०२३