कविताअतुकांत कविताभजनलयबद्ध कवितागजलदोहाछंद
परम बृम्ह परमात्मा की कृपा से व पूज्य गुरुदेव राज गुरु
स्वामी श्री श्री १००८ श्री बद्री प्रपन्नाचार्य जी के आशिर्वाद से इस काव्य राम कथा 'मानस सरल' की रचना हुई है ।
इस अनुपम कृपा से मै स्वयं आश्चर्य चकित व अविभूत
हूँ ।
महर्षि बाल्मीकि व गोस्वामी तुलसीदास जी को नमन
करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम रघुकुल भूषण भगवान श्री
'रामचंद्र जी' का पावन चरित्र लिखा गया है ।
जिसमें दोहे, चौपाइयांँ, छन्द तथा सवैयों का समावेश
हुआ है ।
प्रासंगिक रूप से आदि काव्य श्री मद् बाल्मीकीय रामायण के सम्पूर्ण प्रसंगों को सरल व संछेप में वर्णित किया गया है,
महाराज जनक जी की उत्पत्ति, भगवान श्री 'रामचंद्र जी'का महाप्रयाण , वशिष्ठ मुनि व ऋषि अगस्त्य जी के प्राकट्य , सुलोचना व सुनैना जी के जन्म आदि के प्रसंग रामकथा मानस सरल में रखे गए हैं ।
इस बात को निश्चय मान लेना चाहिए कि भगवान के विधान से आयी हुई विपत्ति में , मन के प्रतिकूल परिस्थिति में वस्तुतः मंगल ही मंगल है ।
विपत्ति से रक्षा का - त्राण पाने का उपाय भी भगवत स्मरण ही है ।
इस कृति की रचना का एक मात्र उद्देश्य है कि
आज की आधुनिक दुनिया में आने वाली पीढ़ियांँ दौलत
की चकाचौंध से बाहर निकल श्री राम के जीवन चरित्र से कुछ सीख सकें , एवं मानव जीवन को सफल बनाएंँ ।
अपनी समझ व भक्ति भाव से मेरी यह पहली कृति
आप समस्त भक्त्त जनों व भगवत् प्रेमियों के समक्ष पस्तुत की जा रही है ।।
।। जय श्री सीताराम ।।
राजेन्द्र पाण्डेय ( रज्जन सरल )
सम्पर्क : ७७२५८०७०११