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फ़न छुपकर नहीं रहता - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

फ़न छुपकर नहीं रहता

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फ़न छुप कर नहीं रहता

फ़न किसीभी शायर का छुप कर नहीं रहता
सुख़न मुबहम कोईभी सुख़नवर नहीं कहता

दिया जलाने वाला रुख-ए-सबा नहीं देखता
शायर ही क्या जो सच खुल कर नहीं कहता

©डॉ.एन.आर.कस्वाँ
"बशर" २०२३/१०/०७

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