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*गूंगी बिन आवाज़ ग़ज़ल* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*गूंगी बिन आवाज़ ग़ज़ल*

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*गूंगी बिन आवाज़ ग़ज़ल*

जीवन का आग़ाज़ ग़ज़ल,
सुख़नवरों की नाज़ ग़ज़ल!

लहरों पर नित्य करे नर्तन,
फ़लक-भरे परवाज़ ग़ज़ल!

सदा -ए- मर्ज दवा- ए- दर्द,
भीगी- पलकें आंख- सजल!

दर्द -ए -दिल का राग ग़ज़ल,
थिरकत बिन साज ग़ज़ल,

शिद्दत से चाहने वालों की,
शर्मो-हया और लाज ग़ज़ल!

रहमोकरम ख़ुदाका फ़ज़ल!
तन्हाई का ईलाज ग़ज़ल!

जज़्ब दिलों में राज ग़ज़ल,
बहरी बिन अल्फ़ाज ग़ज़ल!

सुख़न की सरताज ग़ज़ल,
गूंगी बिना आवाज़ ग़ज़ल!

डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"
२०२३/१०/१०

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