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प्रेम लाइन - शिव यदुवंशी (Sahitya Arpan)

कविताअन्यगीत

प्रेम लाइन

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देखकर वो मुझे अब सवरने लगी,
मेरी राहों से होकर गुजरने लगी।
मानती थी ना जो एक भी बात वो,
प्यार में मेरे आकर सुधरने लगी॥
                       ✍️शिव यदुवंशी

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