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कवितानज़्म
*मुश्क़िल डगर है तो क्या* लम्बा है तेरा रास्ता मुश्क़िल डगर है तो क्या हौसला सलामत बशर ढलती उम्र है तो क्या ©डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर" २०२३/०९/२६/सरी