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बुलन्दियों को छू लेना बड़ी बात नहीं है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बुलन्दियों को छू लेना बड़ी बात नहीं है

  • 37
  • 1 Min Read

बुलन्दियों को महज़ छू लेना ही बड़ी बात नहीं है
उरूज पर गर बशर बने रहने की औक़ात नहीं है

©डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"
२०२३/०९/२५/सरी

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