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कवितानज़्म
*सफ़र नहीं है आसान मोहब्बत का* माना कि सफ़र इतना भी नहीं है आसान मोहब्बत का! नागवार ही गुजरता है अक्सर तो अंजाम मोहब्बत का!! समझना समझाना नहीं है "बशर" काम मोहब्बत का! बे-सबब होने के सबब ही है बदनाम नाम मोहब्बत का!! डॉ.एन.आर.कस्वाँ /"बशर"/०४/१०/२०२३