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*है तसव्वुर के भी पार बशर* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*है तसव्वुर के भी पार बशर*

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*है तसव्वुर के भी पार बशर*

है तसव्वुर के भी पार बशर
क़ीमत अकूत दूध की अपने माँ की!

बहोत कम है येह कायनात
और मिल्कियत तेरे दुनियाजहाँ की!

©डॉ.एन.आर.कस्वाँ
"बशर"/२०२३/१०/०४/सरी

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