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कविताअतुकांत कविताछंद
अब बरसात ठंडी हवा में बरसात के लम्हे आखिरी है भरे बादल में चमक आखिरी है अब मैं और उदासीन हवा होगी और दोनो को इंतजार होगा -@आयुषगुप्ता९३२५२