Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
*रौनक-ओ-मसर्रत से यौमे-ए-खास की हर पहर गुजरी* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*रौनक-ओ-मसर्रत से यौमे-ए-खास की हर पहर गुजरी*

  • 96
  • 1 Min Read

*रौनक-ओ-मसर्रत से यौमे-ए-खास की हर पहर गुजरी*

बहोत खुशी है के रौनक-ओ-मसर्रत से यौमे-ए-खास की हर पहर गुजरी
मलाल है के तेरे जश्ने-यौमे-विलादत की शाम-ओ-सहर हमारे बग़ैर गुजरी

© "बशर"

IMG-20220819-WA0057_1695391377.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg