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कवितानज़्म
*पीने की शय नहीं देखते छोटा बड़ा गिलास देखते हैं* आदमी की आदमियत नहीं उसका मंहगा लिबास देखते हैं लोग पीने की शय नहीं देखते छोटा बड़ा गिलास देखते हैं!! © "बशर"