Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
चंद्रयान - seema sharma (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

चंद्रयान

  • 44
  • 4 Min Read

गूंज रहीं हैं सकल दिशाएं
हिन्द के जयकारे से,
भारत माँ के लाल झांक रहे
चाँद के गलियारे से।

बड़ी मुद्दतों बाद ये सुहाना
दिन है आया,
कर दिया रोशन चाँद हमने
तिरंगे के उजियारे से।

सारे जहां में हिंदुस्तान को
महान बनाया,
हर हिंदुस्तानी मन हर्षाया
इस अनुपम कारे से।

अब तक जमी देखा से करते
चमकते चाँद को,
मिला ली हैं आंखे कुदरत के
उस शाहकारे से।

घर बनाएंगे एक दिन चाँद पे
जा कर हम,
माना कि आज उतरे हैं वहां
इक बंजारे से।

अब तन्हा तन्हा सा ना होगा
चाँद आसमान में,
बाते करेंगे अब हम जा के
चाँद सितारों से।

कहानियों के चंदा मामा को
छू लिया अब हाथों से,
अब निकलेंगी नई कहानियां
दादी नानी के पिटारों से।

सीमा शर्मा

logo.jpeg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg