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जीने के अहसासात गुजारे हमने गाँवमें अपने - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जीने के अहसासात गुजारे हमने गाँवमें अपने

  • 28
  • 1 Min Read

Jeene ke ahsasat gujare hamne gaon me apane

बचपनमें साथियों के साथ जो भी लम्हात गुजारे हमने गाँवमें अपने
वो लम्हात नहीं बशर जीने के अहसासात गुजारे हमने गाँवमें अपने

डॉ.एन.आऱ कस्वाँ "बशर"
सरी:२०२३/०९/०८

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