कहानीउपन्यास
जोधपुर
सुबह का वक़्त
जोशी मेंशन(मानवी का घर)
सफ़ेद रंग का बहुत ही सुंदर आलिशान दो मंज़िला घर है।लोहे के बडे़ से गेट से अंदर आने पर सबसे पहले बहुत ही सुंदर बगीचा है जिसमें तरह तरह के फूलों के पौधे लगे है ।
हरी घास की कालीन बिछी है।फूलों की भीनी भीनी खुशबू से पुरा वातावरण सुगंधित हो रहा है।
एक तरफ फाउंटेन लगा है जो बगीचे को और खूबसूरत बना रहा है। बगीचे के दूसरी तरफ गाड़ियो के लिए गैरेज है।
घर के अंदर आने पर सबसे पहले बड़ा सा हॉल है जिसमे एक तरफ सोफा लगा हुआ है। राइट साइड में किचन है। एक तरफ बड़ी सी डाइनिंग टेबल रखी है। क्यूंकि मानवी के परिवार में दस लोग है। एक तरफ पूजाघर है।
नीचे दादा दादी का कमरा है और उनके पास वाला कमरा अशोक जी और आशा जी का है।
एक तरफ संजय जी और संध्या जी का कमरा है। उसके पास् ही स्टडी है। जिसमे ये लोग ऑफिस के डिस्कसशन और काम करते है।
सीढ़ियों से ऊपर जाने पर एक तरफ मानवी और वंशिका के कमरे है। दूसरी तरफ मयंक और वेद के कमरे है।
पूजाघर में दादीमा पूजा की तैयारी कर रही थी और आशाजी को आवाज़ लगाती है। आशा बहु नवी(मानवी) उठी या नहीं अभी तक।
आशाजी ने कहा आपको तो पता ही है माँ जब तक मयंक उसको नहीं जगायेगा वो नहीं उठने वाली।
नवी मयंक का रिश्ता ही ऐसा है हालांकि नवी मयंक से सिर्फ तीन साल ही छोटी है पर मयंक उसे बेटी का सा प्यार करता है ।दादीमा कहती है बिल्कुल सही कहा ।
फिर आशाजी मयंक को आवाज़ लगाती है। मयंक बेटा नवी को जगा दो पूजा का समय हो रहा है।
मयंक -जी माँ
मयंक नवी के रूम में जाता है नवी बेड पर उल्टी सो रही है। उसकी ब्लैंकेट आधी बेड पर आधी नीचे लटक रही है। मयंक उसके पास जाकर प्यार से उसके सर पर हाथ फेर कर उसको जगाता है नवू उठजा बच्चे कब तक सोना है तुझे,नवी हलकी सी कुनमुना कर दूसरी तरफ मुंह करके सो जाती है मयंक मुस्कुरा कर दोबारा नवू उठो बच्चा, तो नवी उठ कर मयंक के गोद में सर रख फिर सो जाती है और सोये सोये ही बोलती है। गुड मॉर्निंग भैया,मयंक बोलता है गुड मॉर्निंग बच्चा अब उठ जा दादीमा पूजा की तैयारी कर रही हैचल पूजा का समय हो रहा है जल्दी से रेडी होकर आजा ठीक है
जी भैया और मानवी उठ कर वाशरूम में चली जाती है मयंक नीचे चला जाता है।
थोड़ी देर में नवी रेडी होकर नीचे आती और तो उसे देख कर सबके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है अब नवी लग ही इतनी प्यारी रही थी

मानवी
मानवी ने येलो कलर की लखनवी कुर्ती और वाइट प्लाज़ो साथ में वाइट दुपट्टा ले रखा था।आँखो में काजल और होठों पिंक लिपस्टिक ,कानो में सिल्वर एअर रिंगस् पहने बहुत ही सुंदर लग रही जब वो नीचे आयी तो सबसे पहले आशाजी ने अपनी आँख से काजल निकल कर उसके कान के पीछे लगा कर उसका माथा चूम कर कहा बहुत प्यारी लग रही हो ।
तब तक सब आ चुके थे सबने मिल कर पूजा की
पूजा करने के बाद आशाजी और संध्या जी किचन में चली गई नाश्ते की तैयारी करने ।दादीमा पूजा के बाद हमेशा ही गीता का पाठ करती है तो वो पूजा घर में ही बैठ गयी बाकी सब हॉल में बैठ गये ।
मानवी मयंक के कंधे पर सर रखकर बैठ गई तो मयंक पूछता है क्या हुआ नवू,तो मानवी कहती है कुछ नहीं भैया कॉलेज जाना है एग्जाम आने वाले है तो नेहा कब तक आएगी यही सोच रही हूँ इतने मे नेहा अंदर आते हुए आ गई बटरफ्लाई, क्या हो गया इतनी क्यू सोचती हो तुम्हे तो वैसे भी टॉप ही करना है चिंता तो हम जैसों को होनी चाहिए। फिर अशोक जी को क्यों ठीक कह रही हुँ ना अंकल बिल्कुल बेटा जी हमारी नवी ही टॉप करेगी और रही बात आपकी आप भी टॉप ही करती है आप दोनो सहेलियाँ ही तो टॉप करती आयी है हर साल ,इस साल भी आप ही करेगी हमें पुरा विश्वास है अपनी बेटियों पर।
तब तक आशाजी नाश्ता डायनिंग टेबल पर लगाते हुए आजाइये सब नाश्ता तैयार है।सब आते है आज नाश्ते मे आलू के परांठे और दही साथ में पोहा और दादा जी और दादीजी के लिए दलिया क्यूंकि उन्हे ज्यादा चटपटा खाना मना है ।
सबने नाश्ता किया आप अशोक जी संजय जी और मयंक होटल और मानवी और नेहा कॉलेज चले गये
वेद और वंशिका अभी अपने कॉलेज के एक ट्रिप पर गये है अब दोनो जुड़वा है तो साथ ही जाते है दोनो का कॉलेज भी एक ही है और सब्जेक्ट भी ।दोनो ही
बी बी ए लास्ट ईयर में है और मानवी एम बी ए लास्ट ईयर मे है।
सो,दोस्तों ये है मेरी पहली कहानी उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी । मानवी से मिल लिए नेक्स्ट पार्ट मे आपकी मुलाकात मनन से और उनके परिवार से होगी।
आपकी समीक्षाओं का इंतज़ार रहेगा।✍️🙏🏻