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कवितानज़्म
फ़ायदा ख़ामुशी का गोया फौरन बेशक नज़र नहीं आएगा बे -सबब बोलने का नुकसान मग़र बशर ज़रूर हो जाएगा डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर" २२/०८/२०२३