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हारने को कुछ बचा ही नहीं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हारने को कुछ बचा ही नहीं

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जीत से भी ज्यादा आता है क़रार बशर अब तो हमको हार में
हारने को कुछ बचा ही नहीं सब-कुछ लुटा चुके हमतो प्यार में
डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"
१९/०८/२०२३

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