कविताअन्य
हां जानता हूं की किस्मत से ज्यादा और वक्त से पहले कुछ नही मिलता
पर जिसके दिल में जीतने का जोश हो उसे कौन भला हरा सकता
जिसके हसोलों में है दम वो भाग्य को भी बदल सकता
उसके शौर्य के सामने बड़े बड़े पर्वत भी झुकता
नसीब की बात तो कायर करतें हैं, वही नसीब बीराें की गुलामी है करता