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उसी की रहगुज़र हो गए - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

उसी की रहगुज़र हो गए

  • 57
  • 1 Min Read

तिरे दर पर आकर हम दर -बदर हो गए
तुझ से क्या मिले ख़ुद से बेख़बर हो गए
आलम-ए- बे-खुदी में अब हम तो बशर
उसीके जानिब उसी की रहगुज़र हो गए

डॉ.एन.आर.कस्वाँ © #बशर

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