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आदमी परेशान-सा रहता है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

आदमी परेशान-सा रहता है

  • 109
  • 1 Min Read

आकुल व्याकुल रंजिदा ग़म-ज़दा
हर जगहा हैरान-सा रहता है,

तलाश-ए-सुकन में बशर आदतन
आदमी परेशान-सा रहता है!

डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"

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